Lal dupatta aur qatil si nazar

 


लाल दुपट्टा और कातिल सी नजर,

हँसी छुपाई है मेंने अपने लबों पर।



तू अब भी ना समझ शका , ये प्यार, 

मेरे दिल में बसा है एक खूबसूरत इश्क़ का इज़हार।




तेरी हंसी, तेरी मुस्कान,

मेरे दिल के करीब हैं तेरे इशारे ज़र। 



तू मेरी सोच में है, तू मेरी बातों में है , 

मेरे दिल की धड़कन में बसी है तेरी यादें।




लाल दुपट्टा और कातिल सी नजर,

हँसी छुपाई है मेंने अपने लबों पर।



तू अब भी ना समझ सका, ये प्यार,

मेरे दिल में बसा है एक खूबसूरत इश्क़ का इज़हार।


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